ये प्रकृति हमारे लिए क्या कुछ नही करती | Best Hindi Shayari on Nature
ये प्रकृति हमारे लिए क्या कुछ नही करती Best Hindi Shayari on Nature - Image -1 |
ये प्रकृति हमारे लिए
क्या कुछ नही करती
हमारे लिए ही जीती
हमारे लिए ही मरती
दिया सर पे आसमां
रहने को दी धरती
ये नदी तालाब झरने
दरिया पर्वत वृक्ष सारे
दिये फल फूल अनाज
बाग बग़ीचे प्यारे
सुंदर सुंदर वन उसमें
बसते जीव हमारे
ताज़ी हवा मीठा पानी
दिये बर्फीले नज़ारे
सोने सा चमकता
पास सहरा हमारे
सूरज चंदा बादल तारे
नभ में लगते कितने प्यारे
मन मोह ले आत्मा छूले
लाये ऐसी बहारें
हीरे सोने चांदी पीतल आदि धातुएं
जिनसे हमने पात्र आभूषण बनाये
कोयला पेट्रोल गैस आदि जिनसे
हम अपनी ज़िंदगी दौड़ाएं
क्या कुछ नही दिया प्रकृति ने हमें
उल्टा हमने क्या दिया है सोचें जरा
हमने बस प्राकतिक संसाधनो का दोहन करा
हवा पानी दूषित किया वन काटे
वन्यजीवों को बांधे व बाँट डाली धरा
पर्वत काटे दरिया बाटें काट डाला वन हरा
ये प्रकृति हमारे लिए क्या कुछ नही करती Best Hindi Shayari on Nature - Image - 2 |
इंसान ने अपने लालच में
अपना ही विनाश करा
अब जब लेगी प्रकति बदला
तब न कहना बुरा भला
है वक़्त तेरे पास इंसान
बचाले ख़ुद को बचा के धरा
अपनी जननी को सँवार दोबारा
दिखा अपनी कोई कला
माफ़ कर दे ये गुनाह तेरे सारे
जा पाप के बदले पूण्य कमा
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